खुली होती है, जिससे वायु संचारण पर्याप्त होता है और यदि मटियार भाग में खनिज पदार्थो की मात्रा यथेष्ट हो तो यह मिट्टी खेती के लिये अधिक उपयुक्त है।
2.
जलचर थलचर और नभचर जीवों के जीवित रहने स्थिति में जीवात्मा का योग माना जाता है, ज्योतिष के अनुसार गुरु जो हवा का कारक है,जीव को वायु संचारण के द्वारा जीवन प्रदान करता है।
3.
रेतीली मिट्टी की बनावट (texture) खुली होती है, जिससे वायु संचारण पर्याप्त होता है और यदि मटियार भाग में खनिज पदार्थो की मात्रा यथेष्ट हो तो यह मिट्टी खेती के लिये अधिक उपयुक्त है।